आरएसएस के प्रमुख ने हाल ही में बयान दिया था कि सभी के पुरखे हिन्दू थे और मुसलमानों के भी पुरखे हिन्दू ही थे। हिन्दू शब्द ऋग्वेद, रामायण, महाभारत, गीता, पुरणों में मिलता नही। हिन्दू यह मुगलों ने दी हुई गाली है यह बात स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ में पृष्ठ 81 पर लिखी है। हिन्दू का अर्थ उन्होंने छली, कपटी, दुष्ट, गुलाम बताया है। भागवत आक्रांता मुगलों द्वारा दी गयी गाली का इस्तेमाल क्यों कर रहा है? हिन्दू राष्ट्र यानी ब्राम्हणो का गुलाम राष्ट्र। सन 1929 में मौलाना सय्यद सुलैमान नदवी साहब ने भविष्कालीन भारत को ध्यान में रखते हुए , ब्राम्हण और ब्राम्हणो के संगठनों के द्वारा फैलाये जा रहे दुष्ट अभियान को देखते हुए “अरब और भारत के संबंध” यह बहुत ही मौलिक शोध ग्रंथ अरबी दस्तवेजो के आधार पर लिखा था। उसे अब लगभग 100 वर्ष होने आए है। उस ग्रंथ में ऐतिहासिक दस्तावोजो के साथ अरब में इस्लाम आने के पहले क्या था और भारत मे भी इस्लाम दाखिल होने के पहले क्या था यह लिखा है। मोहन भागवत केवल आज के भारत पर ही नही बल्कि पूरे एशिया पर हिन्दू होने का दावा कर रहे है। प्राचीन अखंड भारत को खण्ड खण्ड जिन विदेशी लोगो ने किया वे आज अखंड भारत की बाते कर रहे है। देश को दुबारा विभाजित करने की साजिश कर रहे है। इसलिए तमाम मूलनिवासी बहुजनो को सच्चाई से वाकिब करने हेतु इस ऐतिहासिक किताब पर सन्मानिय व्यक्तिओ द्वारा चर्चा एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। ताकि सच इतिहास सामने आए और झूठ का पर्दाफाश हो। देश तथा लोकतंत्र को बचाने के लिए यह चर्चा होना बहुत ही जरूरी है।इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का live प्रसारण वामन मेश्राम साहब के पेज से होगा ताकि देश, दुनिया तक हमारी बात पहुचे। मा. वामन मेश्राम जी की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम 18 सितम्बर 2022 को यूपी, लखनऊ के हज हाउस में शाम 6 से 9 बजे तक होगा। उसका सीधा live प्रसारण निम्न लिंक पर होगा। लिंक :- https://www.facebook.com/WamanCMeshram अधिक से अधिक शेअर, वायरल करे। धन्यवाद। इस किताब की कॉपी बुक करने के लिए संपर्क – Mulnivasi Publication Trust, Pune. mob. 09822990120