
बुद्ध जयंती तथा बुद्ध पौर्णिमे निमित्त -बुद्धिस्ट इंटरनॅशनल नेटवर्क आणि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च सेंटर,नवी दिल्ली सयुंक्त विद्यमाने
“पंढरीचा पांडुरंग कोण?” या ऐतिहासिक ग्रंथाचे ग्रंथ विमोचन व परिसंवाद live वर्चुअल कार्यक्रम.
दिनांक: 26 में 2021,बुधवार, वेळ:-सांयकाळी 6 ते 10 वाजता
स्थळ:- https://www.facebook.com/WamanCMeshram
उदघाटक:- प्रा.मा. म.देशमुख प्रसिद्ध इतिहास संशोधक,नागपूर)
विशेष अतिथी:- ह.भ.प.सुनील महाराज मोरे (संत तुकाराम महाराजांचे वारस,देहू)
भदंत ज्ञानजोती महास्थविर (चंद्रपूर),
मा. पद्मश्री लक्ष्मण माने (भटके-विमुक्त नेता,सातारा),
मा. किशोर जाधव(संत कैकाडी महाराजांचे वंशज,पंढरपूर)
लेखकाचे वक्तव्य:-विलास खरात (डायरेक्टर,डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च सेंटर,नवी दिल्ली)
वक्ते:- ह.भ.प.दादा महाराज पनवेलकर(सत्यशोधक मूलनिवासी वारकरी महासंघ,प्रदेश अध्यक्ष),
ह.भ.प. दुःशासन क्षीरसागर महाराज(देहू),
ह.भ.प.गंगाधर महाराज कुरुंदकर (संत नामदेव-तुकाराम वारकरी परिषद,प्रदेश अध्यक्ष,हिंगोली),
ह.भ.प.शारदाताई ओहळ महाराज ( सत्यशोधक मूलनिवासी वारकरी महासंघ,प्रदेश उपाध्यक्ष,मंगळवेढा),
ह.भ.प.अजय महाराज बारस्कर (अहमदनगर),
मा. बाळासाहेब मिसाळ-पाटील(राज्य संयोजक,छत्रपती क्रांती सेना महाराष्ट्र राज्य)
अध्यक्षता:- मा. वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष,बामसेफ)
(यह प्रोग्राम संतो के विद्रोही आंदोलन को सही ढंग से समझाने के लिए है। भले ही यह कार्यक्रम मराठी में होगा लेकिन लेखक विलास खरात और मा.वामन मेश्राम जी हिंदी में अपना वक्तव्य देंगे ताकि अलग अलग राज्यों में संतो को माननेवाले बहुजन समाज को इसकी जानकारी हो। यह किताब जल्द ही हिंदी में प्रकाशित होगी ताकि पूरे देश के लोगो को भी संतो के महानतम विरासत के साथ जोड़ा जाए। पांडुरंग कौन थे?यह विषय मूलत: डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी का है।25 दिसम्बर 1954 को उन्होंने इसका रहस्य उद्घाटन किया था। उन्होंने इसपर किताब भी लिखी थी लेकिन वह किताब गायब है,यह एक बहुत ही बड़ा षड्यन्त्र था। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी के हम वैचारिक वारिस होने के नाते उनके सिद्धांतो पर अमल करके उनकी विचारधारा को साधन बनाकर अब हम आगे बढ़ रहे है। इस विषय पर जो चर्चा होगी उससे ओबीसी को अपना प्राचीन गौरवशाली इतिहास पता चलेगा और उन्हें गर्व महसूस होगा कि वे ब्राम्हणो के गुलाम नही थे!)