Ramaya Mahabharat….- Prof. Vilas Kharat

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“रामायण,महाभारत,मनुस्मृति, भगवदगीता ब्राम्हणो के संगठित हिंसा के प्रतीक”

लेखक :-प्रो.विलास खरात (डायरेक्टर, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च सेंटर,नई दिल्ली)

पिछले साल जनता के विद्रोह को ध्यान में रखकर आरएसएस,भाजपा के ब्राम्हणवादियों ने रामायण,महाभारत सीरियल जनता पर थोपा था।

लॉकडाउन का ही सहारा लेकर साकेत में मिले मौर्यकालीन प्राचीन बौद्ध अवशेषों को जेसीबी से तोड़ा गया जिसपर न्यायपालिका और पुरातत्व विभाग जैसी लोकतांत्रिक संस्थाए चुप रही! साथ ही लॉकडाउन के आड़ में सरकारी उद्योग,कंपनियों को ब्राम्हण -बनिया पूंजीपतियों को कवड़ियों के भाव में बेच दिए और आज भी बेच रहे है और भारत की आम जनता का रोजगार छीना। आम जनता सड़क पर उतरकर विद्रोह न करे इसके लिए थाली बजाई गयी या दिए जलाए गए!दिमाग में कोई उजाला न पड़े इसके लिए यह सब किया जाता है।

खैर, मूलनिवासी बहुजनो को जागरुक और प्रबोधित करने के लिए आज हमने यह फैसला लिया कि रामायण,महाभारत की असलियत क्या है वह जनता को बताया जाए।

इसलिए प्रो. विलास खरात लिखित- “रामायण, महाभारत, मनुस्मृति, भगवदगीता ब्राम्हणो के संगठित हिंसा के प्रतीक ” यह सनसनीखेज किताब पढ़ने के लिए तहां पर दी जा है। इस किताब को पढ़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगो को दे सकते है ताकि ब्राम्हणवाद का वायरस दिमाग को न लगे।

इस किताब पर आप अपनी प्रतिक्रिया vilaskhrat1818@gmail.com इस ईमेल पर लिखित में दे सकते है जिसका हमे इंतजार रहेगा।

किताब की हार्ड कॉपी पर्चेस करने के लिए 09822990120 इस नंबर पर सम्पर्क करके पार्सल सर्विस से मंगवा ले।